Saturday 3 December 2016

Narendra Modi Ji Ki Success Story.....

Narendra Modi Ji


Narendra Modi Ji Ki Success Story.....

नरेन्द्र मोदी  का जन्म 17 September 1950 में वदनगर मेहसाणा डिस्ट्रिक्ट में हुआ . नरेन्द्र मोदी के पिता का नाम दामोदर दास मूलचंद एवम माता का नाम हीरा बेन हैं . नरेन्द्र मोदी  के पिता बहुत साधारण तेलीय जाति के व्यक्ति थे, जिनके 6 संताने थी जिनमें से एक नरेन्द्र मोदी  था .

नरेन्द्र मोदी अपने पिता के साथ  रेलवे स्टेशन पर चाय का स्टाल लगाते थे . इनकी पढाई मेंबहुत रूचि नहीं थी, पर इनके शिक्षक के अनुसार वे कुशल वक्ता थे .वाद-विवाद में नरेंद्र मोदी को कोई पकड़ नहीं सकता था. मोदी जी ने वडनगर से स्कूल कीपढाई पूरी की, व् राजनीती विज्ञान मेंग्रेजुएशन किया. बचपन से ही मोदी जी को देश के प्रति प्रेम था, उन्होंने 8 साल की उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में अपना पंजीकरण करा लिया था, ये एक शक्तिशालीहिन्दू राष्ट्रवादी समूह है, जो भारत के संविधान की बातों के खिलाफ धर्मनिरपेक्षता नहीं चाहता था, वो समस्त देश को हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहता था. हिंदुत्व की ये बात बीजेपी की जड़ है.


1967 में 13 साल की उम्र में ही नरेन्द्र मोदी का जसोबेन नामक कन्या से विवाह करा दिया गया. 18 की उम्र  में जसोबेन का गौना कर उन्हें घर लायागया, लेकिन छोटे नरेन्द्र मोदी  को विवाह में कभी रूचि नहीं थी, इस कारण उन्होंने घर छोड़ दिया . नरेन्द्र मोदीहिमालय पर जा कर रहे और वहां से उन्होंने नयी जिन्दगी की तरफ रुख किया . घर छोड़ने के बाद नरेन्द्र मोदी कभी पीछे नहीं मुड़े, इसलिए उन्होंने जसोबेन के उनके विवाह का सच कभी सामनेनहीं रखा, क्यूंकि स्वाभाविक तौर पर उनका अपनी पत्नी से कोई नाता नहीं था .लेकिन हडकम जब मचा जब 2014 के नामांकन पत्र के दौरान नरेन्द्र मोदीने खुद को विवाहित बताया .  जिसे विपक्ष ने काफी हवा देने कि कोशिश की लेकिन नरेन्द्र मोदी  जैसे देशभक्त को जनता  ने पहचान लिया था .


नरेन्द्र मोदी जी का राजनैतिक सफ़र 

–खैर, घर छोड़ने के बाद नरेन्द्र मोदी  ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (ABVP) किया, यहाँ वे पुरे समय आयोजकके रूप में कार्य करने लगे. देश की विकट परिस्तिथि में मोदी जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जैसे 1974 में भ्रष्टाचार विरोधी व् 1975-77 में जबइंदिरा गाँधीकी सरकार ने आपातकाल की घोषणा की थी . 1970-75 के बीच कई दिग्गज नेताओ ने वर्तमान सरकार का विरोध किया . जिनमे से एक थे जय प्रकाश नारायण . जिनके सानिध्य में नरेन्द्र मोदी  ने भी इस विरोध का साथ दिया . यहीं से श्री नरेन्द्र मोदी  के राजनैतिक जीवन की शुरुवात हुई, व् उनके जीवन का आधार बना .1985 में नरेन्द्र मोदी  को RSS द्वारा BJP में दाखिल कराया गया .

1988 में नरेन्द्र मोदी  गुजरात के आयोजन सचिव बनाये गये . नरेन्द्र मोदीजी के योगदान से 1995 में BJP को गुजरात चुनाव में काफी सहयोग मिला . जिस कारण 1995 में नरेन्द्र मोदी  कोराष्ट्रीय सचिव बनाया गया और यहाँ से श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली की तरफ रुख  किया, युवा नेता को इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी मिलना आसान बात नहीं थी.जहाँ से नरेन्द्र मोदी  देश के पांच प्रदेशों का कार्य सम्भाला . 1998-2001 तक नरेन्द्र मोदी  जी महासचिव रहे . 1998 के election में नरेन्द्र मोदी  के भरपूर सहयोग के कारण केशुभाई पटेल ने गुजरात की सत्ता सम्भाली .


2001 में केशुभाई की हालत में गिरावट के कारण सरकार में काफी गलत बाते सामने आई, जिस कारण सत्ता हाथ से निकल गई . अब एक नए उम्मीदवार कि आशा में निगाहे घूम रही थी चारो तरफ से नरेन्द्र मोदी ही थे, पर वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवानी को नरेन्द्र मोदी  में इतने बड़ी ज़िम्मेदारी निभाने की समझ में शंकाए थी .इस कारण नरेन्द्र मोदी को उपमुख्यमंत्री के पद के लिए चुना गया, लेकिन नरेन्द्र मोदी  ने साफ़ इंकार कर इस्तीफे का फैसला किया . आख़िरकार नरेन्द्र मोदी  को मुख्य मंत्री पद  के लिए बीजेपी का दावेदार चुना गया और 2002 में नरेन्द्र मोदी ने  अपनी जीत के साथ गुजरात की सरकार  को नेत्रत्व प्रदान किया . एक सफल मुख्य मंत्री  की अपनी छवि को नरेन्द्र मोदी  ने 12 सालों के मुख्यमंत्री पद तक बनाये रखा . नरेन्द्र मोदी जी गुजरात के सभी लोगों के चहिते नेता था, जिन्हें मुख्यमंत्री के रूप में सभी से भरपूर प्यार मिला. 2014 में हुए आम चुनाव् में नरेन्द्र मोदी जी बीजेपी की तरफ से खड़े हुए, और अत्याधिक वोटों के साथ विजयी रहे. 26 मई 2014 को उन्होंने शपथ ली और अपना कैबिनेट मंत्रीमंडल बनाया.


नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध विवाद (Charge Against Narendra Modi)–

2002 “गोदरा कांड” जिसने देश में हडकम मचा दिया .हजारों से भरी ट्रैन में आग लग गई, जिस कारण पुरे गुजरात में दंगा फ़ैल गया चारो तरफ हिन्दू – मुस्लिम अशान्ति थी . इस सांप्रदायिक दंगो की पुरे देश में निंदा हुई और नरेन्द्र मोदी  को उचित निर्णय ना लेने का जिम्मेदार बनाया गया . उस वक्त बड़े नगरों में  कर्फ्यू लगया गया, आर्मी को बुलाया गया ताकि स्थितिपर नियंत्रण पाया जा सके .

नरेन्द्र मोदी  और मुस्लिम लीग के बीचसम्बन्ध हमेशा ही गरम रहे . लेकिन सभी को मानने की जरुरत हैं मुस्लिम भी देशका अभिन्न अंग हैं और मुस्लिम लीग को भी भारतीय होने का अपना कर्तव्य निर्वाह करने की आवश्यक्ता हैं .





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